May Day Message
Mazdoor Adhikar sanghtan, Kundli
07/05/2024
MAY DAY MESSAGE FROM MAZDOOR ADHIKAR SANGHTAN
This is a summary of Mazdoor Adhikar Sanghtan’s Labour Day message from Kundli, India, which was kindly shared with us. The full message in Hindi follows.
Workers of the world unite!
On International Labour Day, pamphlets were distributed in Kundli Industrial Area. Workers’ issues were discussed. Even today:
• Workers are being made to work for 10 to 12 hours a day
• Workers said they have to work like slaves, they are forced to work, if they refuse, they are beaten, abused and fired
• If any accident happens at work, they are not offered or given treatment
• Wages are arbitrarily stopped
While commemorating International Labour Day, Mazdoor Adhikar Sanghtan pledged to start a struggle for workers’ rights dignity and respect of the workers while remembering the International Labor Day.
The movement to reduce working hours has a special significance for workers. This struggle emerged around the time when the factory system started in Chicago. The demand for higher wages was the most prevalent demand in the early strikes and the question of working hours and the right to organise has remained central to all labour struggles. Today, there is a need to again raise the demand for 8 hours of work, 8 hours of rest, 8 hours of entertainment because the present government of India wants to take away that right. Today we have to carry forward the legacy of May Day, this will be a true tribute to the martyrs of May Day.
Under the four anti-worker labour codes that have been implemented in India, workers are being forced to work for 12 hours without any increase in wages. Continuously rising inflation is breaking the backs of the workers. Prices are skyrocketing, but labourers are having to survive on only Rs8.000-10,000 [a month].
Work conditions in the Kundli industrial area are very poor. In every worker household, people are affected by one or other disease. Due to the industrial pollution, air, water, soil, fruits and vegetables have become like poison. People are continuously contracting diseases like cancer, TB and skin diseases.
Today, working people have to unite to fight because companies cannot run without us, no company owner can become an owner without workers. The companies are becoming richer and richer because of our hard work, and if they were closed even for an hour, the owners would have bear losses worth crores and billions.
Workers need to recognise our strength, and organise to strike and fight for our demands. We “Mazdoor Adhikar Sanghtan” appeals to all justice-loving people to fight for an exploitation-free society, even if we have to sacrifice our life for it.
Our demands:
1. Minimum wage for 8 hours work: Rs 26,000/-
2. Ban the contractual labour system
3. Withdraw the anti-worker labour codes
4. Equal wages for women and men
5. Strengthen the fight against tyrannical and corrupt company owners
6. Stop women workers doing night shifts
7. Make proper arrangements for the safety of workers
8. Stop laying off workers illegally
Mazdoor Adhikar Sanghtan, Sonepat
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मजदूर साथियो,
अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर कुंडली औद्योगिक क्षेत्र में पर्चा बांटा गया और मजदूरों की समस्या पर बात की गई, मजदूर दिवस पर प्रचार करते समय मजदूरों की कंपनियों की जानकारी भी ली गई। आज भी महिलाओं और पुरुष से दिन में 10 से 12 घंटे काम करवा जाता है। और मजदूरों का कहना है, कि हमें कंपनी के अंदर गुलाम की तरह काम करना पड़ता है, हमसे जबरदस्ती काम करवा जाता है, यदि हम मना कर देते हैं ,तो हमारे साथ मारपीट और गाली गलौज भी करते हैं। और हमें कंपनी से निकाल भी दिया जाता है। यदि हमें कंपनी के अंदर काम करते समय कोई हमारे साथ कोई हादसा हो जाता है तो हमारा इलाज भी नहीं करवाया जाता है। हमारा वेतन भी रोक देते हैं । इन सभी मांगो को लेकर "मजदूर अधिकार संगठन"(कुंडली ) अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस को याद करते हुए मजदूरों के हक, अधिकारो और सम्मान के लिए जुझारू आंदोलन खड़ा करेगा।
काम के घंटे कम करवाने के लिए मजदूर आंदोलन का मजदूरों के लिए एक खास महत्व है, जब अमेरिका के शहर शिकागो में फैक्ट्री व्यवस्था शुरू हुई, लगभग तभी यह संघर्ष उभरा। अधिक तनख्वाहों की मांग, शुरुआती हड़तालों में सबसे ज्यादा प्रचलित मांग थी, जब भी मजदूरों ने अपनी मांगों को उठाया, तो काम के घंटे काम करने का प्रश्न और संगठित होने का अधिकार का प्रश्न केंद्र में रहा। जैसे - जैसे शोषण बढ़ता गया, मजदूरों को अमानवीय रूप से लंबे काम के दिन और बोझिल महसूस होने लगे। इसके साथ ही मजदूरों की काम के घंटों में आवश्यक कमी की मांग मजबूत होती गई। आज 8 घंटे काम, 8 घंटे आराम, 8 घंटे मनोरंजन की मांग फिर से उठाने की जरूरत है, क्योंकि 8 घंटे काम करने का अधिकार हमें लाखों मजदूरों की शहादतों से ही हासिल हुआ, लेकिन भारत की मौजूदा सत्ता उस अधिकार को छीन लेना चाहती है। आज हमको अपनी मई दिवस की विरासत को आगे बढ़ाना होगा, यह ही मई दिवस के शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
शिकागो के मजदूरों के संघर्ष की वजह से आज पूरी दुनिया में "मजदूर-दिवस" मनाया जाता है। उसी संघर्ष की वजह से मजदूर को 8 घंटे काम करने का अधिकार मिला। लेकिन आज भारत के अंदर मजदूर विरोधी चार लेबर कोड लागू कर दिए गए हैं, जिसमें मजदूरों को 12 घंटे तक काम करने को मजबूर किया जा रहा है। जिसमें वेतन में कोई इजाफा नहीं किया जाएगा। लगातार बढ़ती महंगाई मजदूरों की कमर तोड़ रही है। आज हर एक वस्तु की कीमत आसमान छू रही है , लेकिन हम मजदूरों का वेतन सिर्फ आठ से दस हजार तक है। कुंडली औद्योगिक क्षेत्र के अंदर हमारे मजदूरों के हालात बहुत खराब हैं । हर घर के अंदर कोई ना कोई बीमारी ने मजदूरों को जकड़ रखा है । कंपनियों के प्रदूषण की वजह से हवा, पानी ,मिट्टी ,फल सब्जियां जहर बन गई हैं, जिससे लगातार लोग कैंसर, टीबी,चमड़ी की बीमारियों से पीड़ित हैं । आज मेहनत करने वाले लोगों को लड़ने के लिए एकजुट होना होगा क्योंकि कंपनियां हमारे बिना नहीं चल सकती , कोई भी कंपनी मालिक बिना मजदूर के मालिक नहीं बन सकता। एक घंटे के लिए भी कंपनियां बंद होती हैं, तो करोड़ों अरबों खरबों का नुकसान मालिक को झेलना पड़ता है। इसीलिए हम लोगों को यह समझ लेना चाहिए कि आज अमीर और अमीर हमारे मेहनत की वजह से बन रहें हैं। इसीलिएअपनी ताकत को पहचानते हुए ,संगठित होकर हड़ताल करनी चाहिए और अपनी मांगों के लिए लड़ना चाहिए। हम "मजदूर अधिकार संगठन" आप सभी इंसाफ पसंद जनता से आह्वान करता है कि हम सब शोषण मुक्त समाज के लिए अपनी लड़ेंगे चाहिए ,अपनी जान भी क्यों ना कुर्बान करनी पड़े।
हमारी मांगे:-
1. 8 घंटे काम का न्यूनतम वेतन 26,000/. लागू करो।
2. ठेकेदारी प्रथा पर रोक लगाओ।
3.मजदूर विरोधी लेबर कोड़ रद्द करो।
4.महिला- पुरष का वेतन बराबर करो।
5.अत्याचारी भ्रष्टाचारी कंपनी मालिकों के खिलाफ संघर्ष तेज करो।
6. महिला मजदूरों से रात की सिफ्ट मे काम करवाना बंद करो।
7 . मजदूरों की सुरक्षा का उचित प्रबंध करो ।
8. गैर कानूनी तरीके से मजदूरों की छ्टनी करना बंद करो।
मजदूर अधिकार संगठन कुंडली ( सोनीपत)